पी0ए0सी0गान
गीत गा रहे पीएसी के
कमर्ठ वीर जवान ।
जीवन में उत्साह भर रहे, गीत अमर बलिदान के ।
प्रकृति प्रकोप, कोप मौसम का, तुझे नही दहला पाया ।
दुर्गम अगम धोर बीहड. वन,तेरा दिल न हिला पाया ॥
कैम्प वास हो, कर्मक्षेत्र हो, क्षण झेले तूफान के ।
गीत गा रहे पीएसी के
कर्मठ वीर जवान ।
पीएसी का वीर देश का तू निर्भीक सिपाही है ।
समय-समय पर प्रिय स्वदेश
ने तेरी शक्ति सराही है ।
हरदम हुए बुलन्द हौसले, स्वंय प्रदेश महान के ॥
गीत गा रहे पीएसी के
कर्मठ वीर जवान ।
दंगा मुक्ति दस्यु
उन्मूलन मे, समाज निहित जिये।
अपनी जान डाल जोखिम में, तूने अथक प्रयास किये।
आशाप्रद परिणाम दे चला।
इस अचुक अभियान के ।
गीत गा रहे पीएसी के
कर्मठ वीर जवान॥
कुशल क्षेत्र का तू आराधक, साधक शान्ति व्यवस्था का।
प्रबल शत्रु बिलगाव वाद से उपजी विषम समस्या का।
तेरी देश भक्ति ने बोये
बीज सर्व कल्याण के ।
गीत गा रहे पीएसी के
कर्मठ वीर जवान॥
एक देश का, एक ध्वजा का, एक गीत का गायक तू।
मानव-मानव सब समान हैं।
इस व्रत का परिचायक तू।
इसीलिए हम
गीत गा रहे तेरी विजय महान के ।
गीत गा रहे पीएसी के कर्मठ
वीर जवान॥